hindisamay head


अ+ अ-

कविता

शब्द के लिए बुरा वक्त

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी


बहुत बुरा वक्त है यह शब्द के लिए

मैं अपने लाल-लाल शब्दों के साथ
पहुँचना चाहता हूँ धमनियों के रक्त तक

मैं अपने उजले-उजले शब्दों के साथ
पहुँचना चाहता हूँ स्तनों के दूध तक

रास्ते में मिलते हैं बटमार
जो शब्दों को कर देते हैं
निष्पंद और बेकार
बहुत बुरा वक्त है यह शब्द के लिए

मैं चाहता हूँ
कि जब मैं कहूँ 'आग'
तो जलने लगे शहर
जब मैं कहूँ 'प्यार'
तो बच्चे सटा दें अपने नर्म-नर्म गाल
मेरे होंठों से

कैसे संभव होगा यह
मैं नहीं जानता
मगर मेरे कवि मित्रो
सोचो इस पर
कि कैसे संभव होगा यह

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की रचनाएँ